बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था बता औकात कि तू क्या-क्या था, नामर्द भेड़िया या खूंखार दरिंदा था
माँ आँतों में छाले पाले जाने कैसे जीती रही बरसों हथेली में उगाती रही सरसों हम रहे आये अनभिज्ञ उसकी ख... माँ आँतों में छाले पाले जाने कैसे जीती रही बरसों हथेली में उगाती रही सरसों हम रह...
अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे गान उनके, अकथनीय है हस्ती उनकी, जो पथ प्रदर्शक भारत बना गए! गूंजे इन्ही गलियारों मे ...
दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है। दुर्घटना बस एक घटना है देकर साक्ष किसे कटना है।
घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे घात मे बैठे दुर्योधन कितने चीरहरण के दांव मे
अपनी खैरियत बता कर घर वालों का जानना जरूरी है। अपनी खैरियत बता कर घर वालों का जानना जरूरी है।